




जैन दर्शन को अंतरराष्ट्रीय मंच पर गौरव ,स्यादवाद से सजाया वैश्विक मंच
खैरवाड़ा (धरणेन्द्र जैन)। डॉ प्रगति जैन, इन्दौर दिगंबर जैन समाज की पहली महिला विदुषी बनीं जिन्होंने आल (आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस) को जैन दर्शन व स्यादवाद से जोड़ा।
40 देशों के विद्वानों के बीच लंदन मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में डॉ. जैन के शोध को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘बेस्ट पेपर अवार्ड’ दिया गया।
यह पूरे जैन समाज के लिए गर्व का क्षण है।
जैन पत्रकार महासंघ के स्थानीय प्रतिनिधि धरणेन्द्र जैन एवं राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जैन ने अवगत कराया कि डा प्रगति की उपलब्धियां समाज के लिए गर्व का विषय, वे मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित प्राध्यापक हैं, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों से अनेक सम्मान प्राप्त किये। उनकी ओजस्वी वाणी, लेखनी, और चिंतन ने शिक्षा, समाज,और साधना तीनों क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य किया है। डा प्रगति जैन पत्रकार महासंघ की राष्ट्रीय मंत्री हैं।
जैन पत्रकार महासंघ के साथ अनेक संस्थाओं ने हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ प्रेषित की।
जैन सिद्धांतों की प्रासंगिकता को वैश्विक पटल पर प्रस्तुत कर उन्होंने समाज की गरिमा को ऊँचाई दी।