



सीड्स बॉल या एक बीज बम
भींडर (कन्हैयालाल मेनारिया बासड़ा)!सीड्स बॉल का प्रयोग हम पहाड़ों बंजर जमीन अथवा जंगलों में वृक्षारोपण कर हरियाली विकसित करने के लिए किया जा सकता है। शहरी क्षेत्रों में हम सीड्स बॉल का उपयोग सड़क के किनारे किनारे वृक्षों को लगाने में भी किया जाता है *सीड्स बॉल को हम सीड्स बम अथवा बीज बम भी कहते हैं।* सीड्स बॉल का निर्माण हम घर पर खेत पर अथवा विद्यालय में विद्यार्थियों के साथ मिलकर भी बना सकते हैं।
निर्माण सामग्री – काली मिट्टी, गोबर खाद , कंपोजिट खाद, पानी नीम की पत्तियों का चूर्ण, बीज आदि का उपयोग कर सकते हैं।
बनाने की विधि सबसे पहले हम काली मिट्टी की सफाई कर उसमें से कंकड़ पत्थर कांच ,कांटे आदि को अलग निकाल देंगे । मिट्टी को छानकर बर्तन में लेंगे । उसके बाद गोबर का खाद को बारीक महीन पीसकर मिट्टी में मिला देंगे दोनों को समान मात्रा में लेंगे । उसे पानी से आटा की तरह गूंथ लेंगे उसमें सुखी नीम की पत्तियां को बारीक पीसकर मिला देंगे ताकि अंदर कीड़े नहीं लगे तथा नेचुरल या खाद का उपयोग भी हो सकेगा । बाद में उसकी नींबू के आकार की छोटी-छोटी गोलाकार गोलियां बनाएंगे उसमें छेद करते हुए आवश्यकता अनुसार कोई भी एक या दो बीज डालकर छेद को पूर्ण बंद कर गोल-गोल लड्डू की तरह घूमा कर छाया में सुख देंगें ।
इनमें निम्न बीजों का उपयोग किया जा सकता है-
इसमें खुले में जंगल हेतु- नीम ,इमली ,कीकर ,सीताफल , पलाश , रतनजोत, करंजी , गुलमोहर सहजन, पीपल आदि ।
खेत अथवा बगीचे हेतु -नींबू ,करेला लौकी, तुरई, जामुन, धनिया , फूलदार पौधे जैसे बीजों की सीड्स बॉल बनाकर जुते हुए खेत में फेंक सकते हैं या हल्का खड्डा बनाकर उसमें बोल को डाल सकते हैं ।
सीड्स बॉल बनाने के लाभ
1 सीड्स बॉल के उपयोग में सबसे बड़ा लाभ यह है कि पौधारोपण करते समय बड़े-बड़े खड़े करने जैसे कार्य में समय व धन की बचत हो जाती है
2 सीड्स बॉल का उपयोग कर हम बंजर एवं पहाड़ी जमीन को हरा भरा बना सकते हैं ।
3 सीड्स बॉल कम मेहनत से धन की बचत का अच्छा तरीका है ।
4 सीड्स बॉल को कम दाम में बेचकर आर्थिक लाभ भी कमाया जा सकता है ।
5 सीड्स बॉल से पनपने वाले पौधों पर हजारों जीव जंतु पशु पक्षियों को बसेरा मिल सकता है ।
6 घने वृक्षारोपण से जंगली जानवरों का गांव की ओर पलायन करना रोका जा सकता है ।
7 खेतों के अलावा जहां हम निराई गुड़ाई जुताई नहीं कर सकते ऐसे स्थानों पर सीड्स बॉल फेंक कर हम जमीन की बंजरता खत्म कर सकते हैं ।
सीड्स बॉल निर्माण कर हम विद्यालय के बच्चों को जागृत कर सकते हैं तथा जन-जन तक संदेश का प्रचार प्रसार कर पर्यावरण संरक्षण में सहयोग प्रदान कर सकते हैं ।
सीड्स बॉल बनाते समय कुछ सावधानियां रखनी चाहिए।
काली या चिकनी मिट्टी का ही उपयोग कर सकते हैं । मिट्टी की साफ-सफाई आवश्यक होती है । तैयार सीड्स बॉल को छाया में सुखानी चाहिए।
बीज व खाद ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए ।
सीड्स बॉल का प्रयोग वर्षा ऋतु के समय में ही लाभदायक रहता है।।
आइये हम सीड्स बॉल का निर्माण कर पहाड़ी इलाकों को हरा भरा बनाएं । सीड्स बॉल डाल कर पेड़ लगाएं ।
पर्यावरण मित्र
अम्बा लाल चौबीसा (सावन)
शिक्षक महात्मा गांधी इंग्लिश मिडियम स्कूल मदनपुरा भीण्डर