



पिछले एक महीने में चुनाव प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए आयोग ने साहसिक कदम उठाए
लगभग 1 करोड़ चुनाव अधिकारियों की क्षमता वृद्धि के लिए डिजिटल प्रशिक्षण की योजना
ईआरओ, डीईओ और सीईओ स्तरों पर चुनाव अधिकारियों के साथ लगभग 5,000 सर्वदलीय बैठकों के माध्यम से राजनीतिक दलों की भागीदारी हुई
मतदाता सूचियों में सुधार और नाम जोड़ने के लिए 89 प्रथम अपील, 1 दूसरी अपील दर्ज
जयपुर, 20 मार्च। भारत के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) श्री ज्ञानेश कुमार ने पदभार ग्रहण करने के एक महीने में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ मिलकर सभी मतदाताओं की भागीदारी को बढ़ावा देने और उन्हें मतदान केंद्रों पर सुखद अनुभव सुनिश्चित करवाने के लिए बीएलओ स्तर तक चुनाव तंत्र में आवश्यक बदलाव की योजना बनाई है। इसमें राजनीतिक दलों को प्रमुख हितधारक होने के नाते जमीनी स्तर पर शामिल किया जा रहा है।
आयोग का स्पष्ट मत है कि लगभग 100 करोड़ मतदाता लोकतंत्र के स्तंभ हैं। इनकी भागीदारी बढ़ाने और इसमें सहजता लाने के क्रम में कई प्रयास किए जा रहे हैं. आयोग ने पूरे देश में मतदाता पहचान-पत्र (ईपीआईसी) नंबरों में दोहराव (डुप्लीकेसी) के दशकों पुराने मुद्दे को 3 महीने के भीतर समाप्त करने का संकल्प लिया है। इसके लिए जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिकारियों के साथ समन्वय कर मतदाता सूची को नियमित रूप से अद्यतन किया जाएगा। राजनीतिक दलों के साथ आयोग की बातचीत में भी यह स्पष्ट किया गया कि प्रारूप (ड्राफ्ट) मतदाता सूचियों में कोई नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 में सभी राजनीतिक दलों के लिए उपलब्ध दावों और आपत्तियों को दर्ज करने के लिए प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों के तहत अपील की जा सकती हैं। ऐसी अपीलों के अभाव में, मतदाता रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा तैयार की गई सूची मान्य होती है। यह उल्लेखनीय है कि 6-10 जनवरी, 2025 तक विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर)-2025 की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 7 मार्च, 2025 तक केवल 89 प्रथम अपील और एकमात्र दूसरी अपील दर्ज की गई है। मतदाता सूचियों को त्रुटि रहित करने के लिए अब जल्द ही ईसीआई और राष्ट्रीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सभी पात्र नागरिकों का मतदाता के रूप में 100% नामांकन सुनिश्चित करना, मतदान में आसानी और सुखद मतदान अनुभव सुनिश्चित करना ईसीआई के प्रमुख उद्देश्य हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे कि किसी भी मतदान केंद्र में 1,200 से अधिक मतदाता नहीं हों और मतदान केन्द्र की दूरी उनके निवास से 2 किलोमीटर के भीतर हो। साथ ही, आयोग द्वारा सबसे दूरस्थ ग्रामीण मतदान केंद्र में भी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी। मतदान के प्रति शहरी उदासीनता से निपटने और मतदाताओं की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए ऊंची इमारतों और कॉलोनियों के समूहों में भी उनके परिसर के भीतर ही मतदान केंद्र तैयार किए जाएंगे।
आयोग के अनुसार, लगभग 1 करोड़ चुनाव कर्मियों की व्यापक और निरंतर क्षमता निर्माण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में 4-5 मार्च को आईआईआईडीईएम, नई दिल्ली में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें पहली बार प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) और ईआरओ ने भाग लिया। सम्मेलन में देश के संविधान, चुनावी कानूनों और आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों द्वारा निर्धारित ढांचे के अनुसार उनकी जिम्मेदारियों के साथ 28 हितधारकों की पहचान कर पूरे चुनाव तंत्र को सक्रिय करने पर जोर दिया गया। इस दौरान तय किया गया कि चुनाव संबंधी निर्देशों के लिए हैंडबुक और मैनुअल को नवीनतम परिवर्तनों के साथ तैयार किया जाए। फ्रंटलाइन पदाधिकारियों के प्रभावी प्रशिक्षण के लिए विभिन्न भारतीय भाषाओं में डिजिटल प्रशिक्षण किट तैयार किए जाएं। एनिमेटेड वीडियो और एकीकृत डैशबोर्ड प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जाए। आगामी दिनों में बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को प्रशिक्षित करने के लिए एक प्रशिक्षण मॉड्यूल भी तैयार किया जा रहा है।
मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने चुनाव प्रक्रियाओं के सभी पहलुओं में राजनीतिक दलों की पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 4 मार्च को सीईओ सम्मेलन के दौरान निर्देश दिया था कि सभी 36 सीईओ, 788 डीईओ, 4123 ईआरओ नियमित सर्वदलीय बैठकें और बातचीत आयोजित करें। इन बैठकों के जरिए राजनीतिक दलों द्वारा जमीनी स्तर पर उठाए गए मुद्दों को हल करने में मदद मिलेगी। पूरे देश में यह प्रक्रिया 31 मार्च, 2025 तक पूरी की जाएगी। मतदाता सूची में दावों और आपत्तियों सहित चुनावी कानूनों के अनुसार उचित प्रक्रियाओं पर राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों और उनके द्वारा नियुक्त बूथ स्तरीय अभिकर्ताओं (बीएलए) को प्रशिक्षित करने के आयोग के प्रस्ताव का राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है। आयोग ने चुनाव के संचालन से संबंधित किसी भी अन्य मामलों पर सभी राजनीतिक दलों से सुझाव भी आमंत्रित किए हैं, जो 30 अप्रैल, 2025 तक भेजे जा सकते हैं। राजनीतिक दलों को दिल्ली में आयोग से मिलने का निमंत्रण भी दिया गया है। ये साहसिक और दूरगामी पहल चुनावी प्रक्रिया में सभी प्रमुख हितधारकों को सहभागी के रूप में शामिल करती हैं।