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राम राज्याभिषेक के साथ दिव्य श्री राम कथा का समापन

खैरवाड़ा (धरणेन्द्र जैन)। गुब्बारा एवं गुलाब के फूलों से सुसज्जित बिजली की रोशनी से जगमग भरे श्री राम सत्संग सभागार में 15 दिन से चल रही राम कथा का आज राम राज्याभिषेक  के साथ समापन हुआ। समापन पर प्रसिद्ध कथावाचक वीरेंद्र शास्त्री जी ने हनुमान जी द्वारा हिमालय से संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण की मोर्चा दूर करना, लक्ष्मण मेघनाद युद्ध , कुंभकर्ण का मरना,राम रावण युद्ध और विभीषण का लंका  में राज्याभिषेक का अति सुंदर वर्णन किया । श्री राम कथा के प्रवक्ता महान शिक्षाविद, जन जन में प्रिय जगदीश व्यास के अनुसार जो राम का ईश्वर है वह रामेश्वर है । मेघनाद काम है लक्ष्मण वैराग्य  है।काम से वैराग्य मूर्छित हो सकता है परंतु मिट नहीं सकता है ।भगवान की भक्ति संजीवनी है । वासना की मगरी समुद्र में रहती है। लक्ष्मण मेघनाद युद्ध में लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं ।हनुमान जी लंका से सुखेर वैद्य को लाते हैं। पुन:हनुमान जी हिमालय जाकर संजीवनी बूटी लाते हैं, जिसे लगाने पर लक्ष्मण ठीक हो जाते हैं। फिर मेघनाद से युद्ध करते हैं जिसमें मेघनाद मारा जाता है ।अंत में राम रावण का युद्ध होता है 31 बाणों से रावण मारा जाता है और लंका का राज्य विभीषण को देकर राम पुनः पुष्पक विमान से अयोध्या लौटते हैं। अयोध्या के नगर वासियों ने उनका स्वागत किया और ढोल  नगाड़ों के साथ में राज्याभिषेक किया तथा पूरे नगर में रोशनी की गई।

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