Home » धर्म » भगवान का अवतार मानवीय मूल्यों कर रक्षार्थ होता है_ नरेंद्रचार्य

भगवान का अवतार मानवीय मूल्यों कर रक्षार्थ होता है_ नरेंद्रचार्य

मावली (नरेन्द्र त्रिपाठी)!गायत्रीनगर में चल रही विष्णु महापुराण कथा के पांचवें दिवस महाराज नरेंद्राचार्य ने बताया कि भगवान का अवतार मानवीय मूल्यों कर रक्षार्थ होता है। भगवान चाहे श्री कृष्ण हो या राम हो दोनों ने ही निजी जीवन मे संकटों को सहन कर अपने जीवन मे चरितार्थ कर  संदेश दिया है।मनुष्य को श्री कृष्ण की शिक्षा उनके कर्म को महत्व देना है। मानव को भाग्य का भरोसा छोड़ कर कर्म पर आगे बढ़ना चाहिए। हम कर्म पर भरोसा करेंगे तो भाग्य अपनेआप  बनेगा।
भगवान राम मनुष्य के हर अंग में विद्यमान है उसे कहीं भी ढूंढने की आवश्यकता नहीं है।
हमारा शरीर ही राम के नाम पर ही बना है। राम हो या कृष्ण वे सर्व व्यापी है किंतु मनुष्य भाग्य के भरोसे उसे ढूंढना चाहता है।
कथा के अंत मे कृष्ण जन्मोत्सव का उत्सव मनाया गया।
कथा के छठवें दिवस   श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर ईश्वरीनंद गिरी जी मेवाड़ उदयपुर के पधारने का संयोग बना है।
उनका स्वागत एवम व्याख्यान का लाभ लेने सभी माताएं बहिन आधी से अधिक संख्या में उपस्थित हों।
इस अवसर पर दौलत सिंह तंवर , सुरेश लावटी , गजेंद्र नाथ चौहान , जय कर्ण सिंह चारण ,रामचंद्र स्वर्णकार , एवम राजेन्द्र भट्ट उपस्थित थे।

Leave a Comment

Modi 3.0 के पहले आम बजट से मिडिल क्लास को मिलेगी राहत?