








गोगुन्दा 7 मई,कांतिलाल मांडोत ,गोगुन्दा उपखण्ड के ढोल गांव में बाबा पहाड़ीनाथ की प्रतिष्ठा एवं कलश यात्रा में भारी जनसैलाब उमड़ा।यह एक भव्य आयोजन था। मन्दिर में प्राणप्रतिष्ठा की वेला सैकड़ो भक्त उपस्थित रहे।प्रातः मन्दिर के शिखर पर इंडा स्थापना गायरी समाज के मौतबीर लोगो द्वारा स्थापित किया गया।कलश यात्रा गांव मन्दिर प्रांगण से प्रारंभ हुई।जो करीब चार किमी नान्देशमा रोड पर खाईकुई स्थित कुएं से जल का संग्रह कर कलश को समर्पित किया गया।5100 महिलाओ के सिर पर कलश धारण किये गए थे।भव्य कलश यात्रा में करीब 30 से 40 हजार हजार महिला पुरुष शामिल हुए।कहावत है कि कलश धारण करने वाली महिलाओं के सिर पर देवता विराजमान होता है।यह प्रत्यक्षदर्शियों और पुरानी परम्परा के हिसाब से सही है।आज कलश यात्रा में महिलाएं के सिर पर कलश धारण किया गया था।महिलाओ में पारंपरिक वेशभूषा के साथ भक्ति में सराबोर नंगे पैर तपती धूप में चार किमी चली।हाथी की सवारी और गाजेबाजे के साथ महिलाएं पुरुष एवं कुमारिका का सैलाब देखते बनता था।इस आयोजन में आने वाले भक्तो ने बाबा के साथ श्रद्धा व्यक्त की गई।लोगो ने प्रसादी प्राप्त की गई।हर समाज के लिए भोजन प्रसादी के लिए अलग अलग पंडाल बनाये गए थे।गत रात को आशा वैष्णव ने भजनों की रमझट में भक्तो को झूमने के लिए मजबूर कर दिया।बोलिया लगाई गई।इंडा के नाम का चढ़ावा किया।धार्मिक कर्मो के बिना व्यक्ति का जीवन अधूरा है।हर समाज के लोगो ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।चार दिवसीय महोत्सव में हजारो लोगो ने प्रसाद ग्रहण किया गया।उदयपुर राजदरबार से लक्ष्यराज सिंह के गुरु सहित करीब 20 महानुभावों का मंदिर समिति की तरफ से स्वागत किया गया।पहाड़ी नाथ मंदिर में इंडा की बोली उदयलाल कालूजी गायरी एवं उनके पुत्र किशन लाल नारायण लाल की तरफ से बोली गई।26 लाख 26 हजार 626 रुपये की लगी।आज उपरोक्त परिवार की तरफ से इंडा चढ़ाया गया।ध्वजा दंडी 11 लाख 11 हजार 111 रुपये की बोली चांदमल जियालाल मांडोत एवं इनके पुत्र योगेश शैलेश और यश की तरफ से लगाई।इनकी तरफ से ध्वजा दंडी चढ़ाई गई। फले चुंदड़ी 15 लाख 51 हजार की बोली केसुलाल फकीरचंद भोगर ललित, प्रदीप की तरफ से लगाई गई।आज भव्य आयोजन में गोगुन्दा विधायक प्रताप गमेती और पूर्व देहात जिला अध्यक्ष लालसिंह झाला उपस्थित रहे।उल्लेखनीय है कि इस विशाल आयोजन में गांव के अन्य समाज के लोगो ने दिल खोल कर बाबा के मंदिर के लिए बोलिया लगाई।धामधुम के साथ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का समापन हुआ।यज्ञाचार्य मुरलीधर पालीवाल ने मंत्रोच्चार के साथ मांगलिक कार्यक्रम की पूर्णाहुति तक उनका सानिध्य रहा।