




ईदगाह पर एक दूसरे से गले मिल, अमन चैन की दुआं मांगी
खैरवाड़ा। माहे रमजान के तीस रोजो के बाद खुशी के तौर पर मनाए जाने वाला त्योहार ईद आज हाइवे 48 स्थित ईदगाह पर सामूहिक नमाज अदा कर मनाई गई। इस से पूर्व पूरे माह के रोजे रखने वालो वही सुन्नी जामा मस्जिद में एहतकाफ में कयाम करने वाले दस बच्चो की ईद से पूर्व संध्या चांद रात पर गुलपोशी इंतजामिया कमेटी की ओर से की गई। समाज के नामचीन मीडिया प्रभारी आफताब मकरानी ने बताया कि ईद सब्र और अमन का पयाम है, जो पूरे विश्व भर में शांति के पैगाम के रूप में मनाई जाती है। पूरे माह रोजेदारों के सब्र , नहीं भूख , प्यास की शिद्दत बर्दास्त कर ईनाम के स्वरूप तीस दिनों के बाद ये दिन मिलता है। ईद अरबी शब्द है जिसका मायना होता है खुशी वाला दिन। नए कपड़े, नए जूते, गीले शिकवे दूर कर , अपनी आमदनी में से पूरे माह गरीबों को जकात के रूप में धन का हिस्सा मुस्लिम समाज द्वारा दिया जाता है, वही फितरा भी धन के हिस्से में दिया जाता है । समाज के सदर मोहम्मद हनीफ, सेकेट्री निजामुद्दीन कुरेशी, मजिद खान, लियाकत खान, अब्दुल रज्जाक मकरानी , पूर्व सदर एस के यूसुफजई, खजांची मोहसिन पठान , उप सदर इकबाल खान, कलीम खान द्वारा समाज जनों को गले मिलकर मुबारकबाद दी। नमाजे ईद मौलाना बरकत अली, नायाब कारी न्याज अहमद द्वारा अदा करवाई गई।