




प्रयागराज से ट्रेन के कारण दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म 14और 16 पर भारी भीड़ एकत्रित हो गई।महाकुम्भ में प्रयागराज को जाने की भीड़ जुटी थी।यात्रियों की भगदड़ से करीब 18 यात्रियों की मौत हो गई।भीड़ प्रबंधन की रेलवे के तरफ से कोई तैयारी नही थी।रेलवे के अधिकारियों को यह अंदाजा भी नही था कि एकाएक भीड़ बढ़ जाएगी और अफरातफरी में 18 लोगो की मौत हो जाएगी।रेलवे विभाग रोज की तरह ही व्यवस्था में जुटा हुआ था।यह हादसा एक इतेफाक था।दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में किसी का भाई तो किसी की बहन को खो देने का गम है।प्रयागराज महाकुम्भ की तैयारी में आए यात्रियों को कहा खबर थी कि यह हमारी आखिरी यात्रा है।कुदरत के समक्ष लाचार मानवी अपने मन की नही कर सकता है।जन्म-मरण अपने हाथ मे नही है।दरअसल, तीन ट्रेनें देर से चल रही थी उसके कारण प्लेटफार्म पर यात्रियों की भीड़ बढ़ गई थी।रेलवे विभाग के अधिकारियों ने भीड़ को संभालने की जगह टिकट की बिक्री चालू ही रखी।जिससे देखते ही देखते 15 और 16 नम्बर प्लेटफार्म पर भीड़ बढ़ती ही गई।ट्रेन के आने के बाद जगह रोकने के लिए जैसे ही यात्रियों ने दौड़ लगाई तो पैरों के नीचे कुचलने और जीव मचलने के बाद मौते हो गई।सीढ़ियों और आसपास बैठे लोगों को हटाने के लिए रेलवे पुलिस ने उचित नही समझा।ज्यो ज्यो भीड़ बढ़ती गई वैसे वैसे यात्री भागते नजर आए।अनेक यात्रियों को चोटे आई है तो कई बेसुध पड़े हुए मिले।भगदड़ में मरने वालों की यह प्रथम घटना नही है।दरअसल, अभी हाल ही प्रयागराज महाकुम्भ में भगदड में 30 लोगो की मौत हो गई।2010 में 16 मई को भगदड़ में दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 2 व्यक्तियो की मौत हो गई थी।अनेक घायल हो गए थे।2014 में गांधी मैदान में पटना की इस घटना से दीवाली के पूर्व दशहरा को 32 लोग भगदड़ में मारे गये थे।इस घटना से लोगो के घरों में मातम छा गया था।2015 में आंध्रप्रदेश के गोदावरी नदी के तट परधार्मिक उत्सव में 27 लोगो की मौत हो गई थी।2022 में कटरा के वैष्णो देवी मंदिर में भीड़ की अफरातफरी में 12 श्रद्धालुओ की मौत हो गई।इंदौर की इस घटना में रामनवमी के दिन2023 में कुएं के ऊपर स्लैब ढही उसमें 36 लोगो की मौत हो गई।पिछले साल हाथरस में 107 लोगो की मौत हो गई।इस तरह से इन वर्षो में कई लोगो की मौत हुई है।यह घटनाएं कभी नही भुलाई जाने वाली है।इस तरह की घटना में मरने वालों को कभी भुलाया नही जा सकता है।क्योंकि इस तरह की घटना से अचानक परिवार को अलविदा कह देते है।यह शूल की तरह परिवार के दिल मे खटकते रहते है।यह चुभन दिल को छू लेती है।