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आचार्य पुलक सागर का खेरवाड़ा से हुआ मंगल विहार

सजल नेत्रों से किया विदा ,बड़ी संख्या में समाज जन रहे उपस्थित 

धरणेन्द्र जैन
खेरवाड़ा । राष्ट्र संत ,भारत गौरव जैन आचार्य पुलक सागर महाराज का ससंघ शनिवार को खेरवाड़ा से डूंगरपुर जिले स्थित प्रसिद्ध प्राचीन तीर्थ नागफनी पार्श्वनाथ मोदर के लिए मंगल विहार हुआ। विहार से पूर्व स्थानीय शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर सभागार में आयोजित धर्म सभा में आचार्य श्री ने कहा कि मनुष्य को जीवन में शांति प्राप्त करनी है तो उसे धर्म मार्ग पर चलना होगा, तभी जीवन में शांति प्राप्त की जा सकती है। आचार्य श्री ने कहा कि मानव को किसी संत पुरुष के सानिध्य में ईश्वर की भक्ति का विकल्प चुनना चाहिए, यही एकमात्र उपाय है जीवन के प्रकट, अप्रकट और असाधारण कष्टों से मुक्ति का। ईश्वर पर आस्था रखने का अभ्यास आत्मिक होगा तो ऐसे आस्थागत अभ्यास के मार्ग से अनावश्यक मानवीय व्यवधानों का सामना नहीं करना पड़ेगा। ईश्वरीय भक्ति पवित्र आस्था के साथ आत्मिक होकर इसलिए करनी है क्योंकि मानवीय संबंधों की निकृष्टाताओ से मुक्ति इसी से मिलेगी। मनुष्य अपने जीवन के 24 घंटे का सदुपयोग करें व ईश्वर व धर्म के प्रति प्रगाढ़ आस्था रखें तो उसका कल्याण संभव है। आचार्य श्री के विहार के दौरान स्थानीय दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष रमेश चंद्र कोठारी, महामंत्री भूपेंद्र कुमार जैन ,कोषाध्यक्ष दिनेश कोठारी ,पूर्व अध्यक्ष श्याम सुंदर कोठारी एवं राजेंद्र प्रसाद कोठारी, वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य पत्रकार धरणेन्द्र जैन,पूर्व उपाध्यक्ष पारस जैन एवं गजेंद्र कोठारी, महिला मंडल अध्यक्ष शकुंतला कोठारी, महिला पुलक मंच अध्यक्ष चयनिका मेहता, युवा परिषद महामंत्री कार्तिक गागावत, ऋषभदेव जैन समाज, बिछीवाड़ा, कनबा , डूंगरपुर जैन समाज के पंच सहित बड़ी संख्या में जैन धर्मावलंबियों उपस्थित थे ।आचार्य श्री खैरवाड़ा  से बिहार कर आज सिसोद पहुंचकर रात्रि विश्राम करेंगे।
मोथली मोड पर किया भव्य स्वागत
डूंगरपुर जिला सीमा मोथली मोड पर डूंगरपुर समाज के पंच , पुलक मंच व जागृति मंच के सदस्यों ने आशीष जैन सनराइज की अगुवाई में गुलाब के फूलों से पुष्प वर्षा कर, पाद प्रक्षालन कर, जयकारों के साथ जोरदार स्वागत अभिनंदन किया।

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