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100 वर्ष बाद जवास मे निकली जैन समाज की शोभायात्रा ,मंदिर मे स्थापित हुआ ध्वजादंड

खैरवाड़ा। शोभायात्रा में इंद्र इंद्राणी कलश धारण करते। फोटो धरणेन्द्र जैन

खैरवाड़ा (धरणेन्द्र जैन)। समीपस्थ प्राचीन जैन तीर्थ जवास स्थित 1008 श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर जवास में ध्वजादंडारोहण किया गया। अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन युवा परिषद ऋषभदेव एवं जवास मंदिर व्यवस्था कमेटी के संयुक्त प्रयासो से उक्त आयोजन सफल हुआ। जवास मंदिर व्यवस्था कमेटी के भरत किकावत एवं सचिन गनोडीया ने बताया की ध्वजादंडारोहण के पुण्यार्जक एवं सोधर्म इंद्र कृष्णा देवी सतीशचंद्र वानावत परिवार द्वारा किया गया। कार्यक्रम मे सबसे पहले शांतिधारा की गई जिसके पुण्यार्जक लीलावती सुन्दर लाल किकावत परिवार रहे जिन्होंने नव निर्माण हेतु पुण्यार्जन भी प्राप्त किया। इसके पश्चात समारोह का ध्वजारोहण किया गया जिसके पुण्यार्जक किरण देवी विमल जी कोठारी परिवार रहा। इसके पश्चात भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। युवा परिषद के अध्यक्ष आशीष गांधी एवं महामंत्री कुशल शाह ने बताया की विधान मे कुबेर इंद्र शकुंतला श्यामसुन्दर कोठारी परिवार जिन्होंने शिखर पर स्टील की रेलिंग का पुण्यार्जन प्राप्त किया। यज्ञनायक उषा देवी नरेंद्र कुमार किकावत जिन्होंने मंदिर हेतु नवीन ज़मीन की राशि देने की घोषणा की। ईशान इंद्र लीलावती सुन्दरलाल किकावत, सनत इंद्र किरण देवी निलेश वानावत जो कार्यक्रम मे भोजन प्रदाता भी रहे, माहेन्द्र किरण देवी विमल कोठारी, ब्रह्म इंद्र शोभना देवी महेन्द्र जैन, ब्रहोत्तर इंद्र निशा नितीश जैन, लांतव इंद्र प्राची कुशल शाह, शुक्र इंद्र रूपा पियूष जैन रहे। कार्यक्रम मे अल्पाहार के पुण्यार्जक योगिता देवेन्द्र मेहता परिवार रहे। युवा परिषद के संरक्षक मिथिलेश भंवरा एवं वरिष्ठ महेन्द्र दलावत ने बताया की कार्यक्रम मे ऋषभदेव, खेरवाडा, छाणी, नायागांव, बावलवाडा, देवल, बिछिवाडा, डूंगरपुर, उदयपुर, अहमदाबाद, भूधर सहित कई स्थानो से दर्शनार्थी उपस्थित रहे।
जवास मे 100 वर्ष बाद जैन समाज की शोभायात्रा निकली है। शोभायात्रा एवं दर्शनार्थ 1200 से अधिक लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के पश्चात यात्रियों ने सभी व्यवस्थाओ की भूरी भूरी तारीफ़ की।

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