




साल की पहली सोमवती अमावस्या पर मेनार ठाकुरजी को धराया जाएगा छप्पन भोग, गुंजा ठाकुरजी के जयकारे मंदिर
मोती चमके चमके, पचरंगी या पाग, श्याम थे आछ्या बिराज्या, मेनार मायने…….भजनो पर श्रद्धालु खूब झूमे
वल्लभनगर (कन्हैयालाल मेनारिया बासड़ा)27 मई !इस साल की पहली सोमवती अमावस्या पर मंगलवार को वट सावित्री योग में मेहतागढ़ मेनार कस्बे के ओंकारेश्वर चौक स्थित प्रसिद्ध प्राचीन ठाकुर जी मन्दिर में ठाकुरजी को जयकारो के बीच सामुहिक छप्पन भोग धराया गया। इस दौरान ठाकुरजी को स्वर्ण मुकुट धारण करवाया गया एवं अनेक रंगों से एवं मोगरा, कश्मीरी गुलाब, देशी गुलाब फूलों से खाटूश्यामजी की तर्ज़ पर आकर्षक श्रृंगार किया गया। वही पुजारी जगदीश वैष्णव द्वारा स्वर्ण आभूषणों से सुशोभित ठाकुर जी को पिछवई, विशेष पोशाक मंडफिया से एवं सांवलियाजी से गुल दाउदी, गुलाब फूल ठाकुरजी को धराये। श्रद्धालुओं ने श्री ठाकुर जी की अनुपम छवि के दर्शन किए। छप्पन भोग का लाभ वरिष्ठ अधिवक्ता हुक्मीचंद सांगावत एवं परिवार द्वारा लिया गया।
मंगलवार सुबह भगवान ठाकुरजी की प्रतिमा को विशेष श्रृंगार धराया गया तथा ठाकुरजी को पंचामृत स्नान कराया गया। वही छप्पन भोग मनोरथ महोत्सव के दौरान दिन भर श्रद्धालुओं का मंदिर में तांता लगा रहा तथा ग्रामीणों द्वारा पूरे मंदिर को फूलों एवं दुधिया रोशनियों से सजाया गया। शाम 5 बजे ठाकुरजी को सूप, चटनी, सिखरन, शरबत, बालका, इक्षु, बटक, मठरी, फेनी, पूडी, खजला, घेवर, मालपुआ, चोला, जलेबी, मेसू, रसगुल्ला, पगी हुई, महारायता, परिखा, सौंफ युक्त बिलसारू, लड्डू, साग, अधौना अचार, मोठ, खीर, दही सहित 56 तरह के व्यजनों से छप्पन भोग धराया गया। ठाकुरजी को छप्पन भोग धराने पर महाआरती हुई, तत्पश्चात छप्पन भोग के श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। इस दौरान श्रद्धालु खूब झूमे और महिलाओं ने नृत्य किया।
छप्पन भोग से पूर्व हुआ भजन कीर्तन
छप्पन भोग से पूर्व श्रद्धालुओं ने मंदिर प्रांगण में भजन कीर्तन किये। जिसमें ठाकुरजी कुण तो सजाया, थाने सोवणा, सोवणा, मोती चमके चमके, पचरंगी या पाग, श्याम थे आछ्या बिराज्या, मेनार मायने, झुलनी पे सेठ सांवरो झुलवा ने जावे सा, मीठे रस से भरीयो री, राधा रानी लागे, महारानी लागे, मने कारो कारो, जमुना जी रो पानी लागे सहित भजनों पर श्रद्धालु खूब थिरके, महिलाओं भी खूब थिरकी। महाआरती उपरांत भक्तों ने भोग के दर्शन किये। इस दौरान मेनार सहित आसपास गाँवो रुंडेडा, खरसान, वाना, बांसडा, खेरोदा, बाठरडा खुर्द, मावली डांगीयान, इंटाली से बड़ी संख्या में ग्रामीण महिला पुरुष मौजूद रहे। वही महाआरती के बाद प्रसाद श्रद्धालुओं में वितरण किया गया।