




बाप की रैली को बताया, आदिवासियों को विकास से भटका कर अलगाव की ओर ले जाने का एजेण्डा
उदयपुर, 10 अप्रेल। भारतीय आदिवासी पार्टी की ओर से गुरूवार को गांधी ग्राउण्ड उदयपुर में आयोजित रैली में बांसवाड़ा डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत सहित अन्य वक्ताओं के बयान पर उदयपुर सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने पलट वार किया।
डॉ रावत ने बाप की रैली को आदिवासियों को विकास से भटका कर अलगाव की ओर ले जाने का एजेण्डा बताया। उन्होंने सांसद रोत सहित अन्य वक्ताओं के बयानों की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार लगातार आदिवासियों के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। बाप पार्टी के नेता आदिवासियों को विकास की धारा से हटा कर संघर्ष की दिषा में मोड कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का प्रयास कर रहे हैं। डॉ रावत ने कहा कि रैली में सभी वक्ताओं के चेहरे पर डबल इंजन सरकार का डर साफ झलक रहा था। सांसद राजकुमार रोत ने संविधान निर्मात्री समिति में शामिल ईसाइ चेहरे जयपालसिंह मुण्डा का महिमा मण्डन किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर विवादास्पद बयान दिया। यह उनकी हताषा और खीज को दर्षाता है।
डॉ रावत ने कहा कि कांकरी डूंगरी कांड में सांसद राजकुमार रोत का नाम आने तथा गिरफ्तार होने का भय होने से रोत डबल इंजन सरकार पर आरोप लगा कर आम जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं।
उदयपुर सांसद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेषा से ही आदिवासियों की हितेषी रही है। 1995, 1996, 2007 एवं 2016 में अनुसूचित क्षेत्र में आरक्षण के प्रावधान भी भाजपा सरकारों ने किए, लेकिन रोत ने उनका जिक्र तक नहीं किया।
डॉ रावत ने झारखंड से आई बबीता कश्यप पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने सरकार के बाप का नाम पूछा। यह एक विवादित बयान है जो अलगाव एवं संघर्ष की तरफ क्षेत्र को ले जाएगा।
एक वक्ता ने बिल कंट्री का उल्लेख किया। वे अंग्रेजों की बांटो और राज करो की रीति-नीति को ही आगे बढ़ाते नजर आए।
डॉ रावत ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 में संविधान की पांचवी एवं छठवीं अनुसूची में वक्फ घोषित नहीं करने का कठोर प्रावधान किए जाने से आदिवासियों के जल जंगल जमीन की रक्षा करने की भाजपा नीति से बौखलाई भारतीय आदिवासी पार्टी ने वोट बैंक खिसकने के डर से आमजन को बरगलाने के लिए यह आयोजन किया।