





गोगुन्दा के तरपाल गांव में परंपरागत मेले में लगी सैकड़ो दुकानें,5 रुपये से लेकर एक हजार तक खरीदे हर समान,बच्चों के खिलौने और गैर नृत्य देख खुशी से जूम उठे ग्रामीणकांतिलाल मांडोत
गोगुन्दा (कांतिलाल मांडोत )! 20 मार्च !गोगुन्दा तहसील के तरपाल गांव में परम्परा से गांव में मेला लगाया जा रहा है। इस बार भी थरकलिया से हरिजन के घर तक और उधर बस स्टैंड तक लगे मेले में करीब दोसौ दुकाने लगी हुई है।तरपाल गांव में हर वर्ष छठ का मेला लगता है।दूर दूर से लोग दुकाने लगाने आते है।मारवाड़ से सादड़ी और पाली तथा उदयपुर, राजसमंद से व्यापारियों की दुकानें लगी हुई है।मेले में बढ़ती भीड़ को देख कर सायरा पुलिस के पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।रंगबिरंगे चूड़ियां वाला और हाथ पर टैटू खुदवाने के लिए लोग कतार में खड़े दिखाई दिये।तरपाल में कई वर्षों से मेले का लुफ्त उठाने दूर दूर से लोग आते है ।आदिवासी बहुल क्षेत्र होने की वजह से गमेती समाज और गरासिया समाज के लोगो ने मेले में खरीददारी की गई।हर वर्ष की तरह इस बार भी मेले में कई चीज वस्तुओं की खरीददारी की गई।इसके साथ ही लकड़ी का समान खेती के औजार, बर्तन कपड़े और खिलौने और खानपान के स्टॉल भी लगे हुए थे।गरम जलेबी,कचोरी और नमकीन के साथ आइसक्रीम की दुकानों पर भारी भीड़ देखने को मिली।गांव के उपसरपंच भगवतसिंह राणावत ने बताया कि दूर दूर से लोग मेला देखने आते है।पंचायत की तरफ से गांव में ठंडे जल की व्यवस्था की गई।बच्चों के खिलौने खूब बिक्री होते है।दूर दूर से आने वाले मेलार्थियों के लिए झूलेऔर घूमती डोलर का बच्चो ने मजे लुटे।बड़े बूजुर्ग और बच्चे झूले में बैठकर आनंदित हो उठे।मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त किया गया।लोगो के आवागमन के लिए जीप और रोडवेज बसों को नियमित किया गया।गोगुन्दा से सायरा के लिए आवागमन की विशेष व्यवस्था थी।यह मेला खरीददारी के लिए नही,बल्कि आस्था और मनोरंजन का संगम है।दूर दूर से लोग आकर मेले का लुफ्त उठाते है।तरपाल के चौरा पर गैर नृत्य और नेजा का लोगो ने लुफ्त उठाय।।भारी भीड़ के बीच शिवालय स्थित चौरा पर गैर नृत्य का आनन्द आगन्तुक मेलार्थियों ने उठाया।अनेक तरह की चीज वस्तु और खाद्य सामग्री की खरीदारी की गई।गांव के मौतबीर बूजुर्ग और युवाओ ने गैर नृत्य की परंपरा को अक्षुण्ण रखते हुए अपनी जवाबदारी का निर्वहन किया।बडे बूजुर्ग और युवाओ का भारी क्रेज देखने को मिला । तरपाल के चौरा पर उपसरपंच भगवतसिंह राणावत,गोविंदसिंह राणावत,भंवरलाल सुथार बाबूलाल सुथार, खुमानसिंह कुम्भावत, भोपालसिंह कुम्भावत,रामसिंह कुम्भावत मोटीपोल आदि और नवयुवकों ने गैर परम्परा में भाग लिया।