




खैरवाड़ा ! श्री रुद्राणी महाकालिका शक्तिपीठ(किले वाली माता) के मंदिर पर आज पीठाधीश्वर महंत भारत भूषण महाराज की तपस्या पूर्ण होने पर भक्तों ने शाल,मैया की लाल चुनर, उपरणा, औढ़ाकर मालाओं से धर्म ध्वजा फहराते चलो और संत का सम्मान होना चाहिए से सम्मान कर लंबी उम्र की कामना की। महाराज विगत 24 वर्षों से लगातार निराहार, मौन संकल्प,नंगे पैर, भूमि शयन से प्रातः 4 बजे जगतजननी की साधना से कठोर तपस्या कर रहे हैं। दूरदराज से भक्तजनों,श्रद्धालुओं ने गृहस्थ संत से आशीर्वाद प्राप्त किया। वर्तमान युवा पीढ़ी को धर्म और संस्कार का सदैव संदेश देकर प्राचीन संस्कृति पर चलने का आग्रह करते हैं। महाराज अपनी हर कथा में गौ माता के लिए हर घर से रोज एक रोटी के लिए निवेदन करते हैं। साथ ही बेटी बचाओं,बेटी पढ़ाओं, जल है तो कल हैं, वृक्ष लगाओ पोषण करों, अपने आस पास सफाई रखों, माता पिता जीवन के सबसे बड़े हीरो हैं, जो बोयेगें वही काटेंगे पर प्रवचन करते हैं। सनातन के कार्य के लिये अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय,राज्य, जिले और उपखंड स्तर पर महाराज का बहुमान किया गया हैं। बाल्यकाल से ही विलक्षण प्रतिभा एवं समर्पण देखकर 1985 में इन्हें शक्तिपीठ का आचार्य व 14 जनवरी 2005 को पीठाधीश्वर महंत की गादी सोपी गई। संत आज ज्योतिष,कर्मकांड में कई उपाधि प्राप्त कर चुके महाराज सटीक भविष्यवाणी,कथावाचक के रूप में प्रख्यात हैं। महाराज का कथन सदैव फलीभूत रहता हैं।