





केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल
जल संरक्षण और जल प्रबंधन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ें – केंद्रीय मंत्री सी.आर.पाटिल
उदयपुर, 19 फरवरी2025 । केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने राष्ट्रीय जल मिशन जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 18-19 फरवरी तक उदयपुर में आयोजित जल मंत्रियों के द्वितीय अखिल भारतीय सम्मेलन के समापन समारोह में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि सबसे पहले, मैं छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें नमन करता हूँ। शिवाजी महाराज ने जल प्रबंधन और किलों में जल संरक्षण पर जो विशेष कार्य किया था वह आज भी हमारी जल नीति के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
उन्होंने कहा कि आज, भारत में लोगों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध होना एक आदत बन गई है। यह परिवर्तन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और जल शक्ति मंत्रालय के सतत प्रयासों का परिणाम है। हमने जल संरक्षण और प्रबंधन को एक नई दिशा दी है, और इस दिशा में हमें और अधिक प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना होगा।
इस सम्मेलन के दौरान मुझे विभिन्न राज्यों और विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं। हमने न केवल समस्याओं पर चर्चा की, बल्कि उनके समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों पर भी बल दिया। ऐसे मंच ज्ञान साझा करने और समस्याओं के व्यावहारिक समाधान खोजने के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होते हैं। कुछ समय पहले मुझे दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में जाने का मौक़ा मिला जहाँ पर प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत में जल के क्षेत्र में हो रहे उल्लेखनीय कार्यों की चर्चा हुई। दावोस में रिवर सिटी एलायंस पर भी चर्चा हुई जिसमें कई देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, यह एक उदाहरण है, जहाँ विभिन्न देशों ने अपने अनुभव साझा किए और नवाचार के नए रास्ते खोले।
हमने नमामि गंगे अभियान के तहत गंगा को स्वच्छ करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। अब, लोगों की अपेक्षाएँ बढ़ गई हैं कि हम अन्य नदियों की सफाई के लिए भी इसी प्रतिबद्धता से कार्य करें। राज्यों को इस दिशा में मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है।
पुनः उपयोगिता जल का महत्व बढ़ रहा है। सूरत में हमने उद्योगों को टर्शियरी ट्रीटेड पानी प्रदान किया, जिससे यह एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत बन गया। हमें इस योजना से 600 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। इसी तरह, गंगा पर स्थित तीन बिजली संयंत्रों में पहले से ही टर्शियरी ट्रीटेड जल का उपयोग हो रहा है, और अब 20 और संयंत्रों में इसे अपनाने की योजना है। इससे जल संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा की सभी राज्यों को उनके प्रस्तुतिकरणों के लिए धन्यवाद देता हूँ। इस सम्मेलन में तीन मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया, और राजस्थान ने मेजबान राज्य के रूप में शानदार भूमिका निभाई। मैं मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी का इस सफल आयोजन के लिए आभार व्यक्त करता हूँ। यह सम्मेलन तभी सार्थक सिद्ध होगा जब हम यहाँ प्राप्त ज्ञान और अनुभव को व्यावहारिक कार्यों में बदलेंगे। अगले सम्मेलन से पहले, हमें ठोस कार्य योजनाओं पर अमल करना होगा, जिससे हम जल सुरक्षित भारत के संकल्प को और आगे बढ़ा सकें।
सभी प्रतिभागियों, आयोजकों और सहयोगियों का इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद! आइए, हम एकजुट होकर जल संरक्षण और जल प्रबंधन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़े !