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मजदूर किसान हक संगठन का सम्मेलन में लिए निर्णय

खैरवाड़ा। देश की हर पंचायत में कम से कम 1000 असंगठित मजदूर हैं तथा खेरवाड़ा, नयागांव और केसरियाजी की 100 पंचायतो में एक लाख से अधिक असंगठित मजदूर है जिनको संगठित करने पर जोर लगाया जाएगा और आगामी मई दिवस पर खेरवाड़ा में जंगी जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया जाएगा। यह विचार मजदूर किसान हक संगठन के चौथे सम्मेलन में बोलते हुए मुख्य अतिथि डी.एस. पालीवाल ने व्यक्त किए।
   पालीवाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टेरिफ की आलोचना करते हुए इजराईल, अमेरिका द्वारा फिलिस्तीनियों पर हमले के साथ ही रूस-यूक्रेन की भ्रर्त्सना की तथा बताया कि दुनिया की हर घटना का मेहनतकश वर्ग पर कुप्रभाव पड़ता है इसलिए मजदूरों को देश दुनिया की घटनाओं के बारे में सचेत रहना चाहिए। सभी तरह के मजदूरों को हथियारों की होड़ का विरोध करना है तथा विश्व शांति के लिए पहल करनी है।
    उन्होंने बताया कि विश्व के हमलावर देश की जमीन और प्राकृतिक संसाधन हड़पने के लिए नरसंहार कर रहे हैं। इस तरह भारत में भी कॉर्पोरेट लोभी आदिवासियों व गरीबों की जमीन हड़पने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं जिसका खामियाजा स्थानीय निवासी उठा रहे हैं।
   सम्मेलन में जनवादी मजदूर यूनियन के जिला सचिव जयंतीलाल मीणा ने आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक तथा महिलाओं के साथ ही मजदूरों के समक्ष आ रही चुनौतियों को रेखांकित किया।
सम्मेलन में जागरूक युवा एवं विद्यार्थी संगठन के लोकेश भील, कुक कम हेल्पर संघर्ष समिति के नाना भगत तथा जलदाय कर्मचारी कुरी लाल ने विचार व्यक्त किये।
    सम्मेलन में मजदूर किसान हक संगठन के सचिव शांतिलाल डामोर ने 1 साल की रिपोर्ट पेश की तथा कमजोरियों के लिए आत्मा आलोचना की तथा वर्ष भर का हिसाब किताब पेश किया। रिपोर्ट पेश करने के बाद हुई बहस में रमेश मीणा, बद्रीलाल, मणि शंकर, बाबू भाई तथा अमृत मीणा ने भाग लिया।
   सम्मेलन में फेज का गीत “हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे” भी सुनाया तथा अन्त में मजदूर किसान हक संगठन के अध्यक्ष नाना भाई ने जोर-शोर से मई दिवस मनाने का आह्वान किया और धन्यवाद की रस्म अदा की। सम्मेलन में खेरवाड़ा, केसरियाजी व नयागांव के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इंकलाब-जिंदाबाद, दुनिया भर के मेहनतकशो एक हो के साथ एक दिवसीय सम्मेलन सफल हुआ।

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