




मावली । जिले में सरकारी अध्यापक के अपहरण और 10 लाख की फिरौती मांगने का मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। यह घटना 9 जनवरी 2025 को हुई, जब प्रतापनगर थाना क्षेत्र के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय , बेड़वास में कार्यरत अध्यापक बद्रीलाल सालवी को स्कूल से घर लौटते वक्त देबारी पावर हाउस से अगवा कर लिया गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अध्यापक को सुरक्षित छुड़ाया और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। घटना में इस्तेमाल की गई स्कॉर्पियो कार को भी जब्त किया गया है। पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने बताया कि 12 जनवरी को अपहृत शिक्षक के पुत्र हरिश सालवी ने प्रतापनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक 9 जनवरी से बद्रीलाल सालवी को उनके घर वाले ढूंढ़ रहे थे , दूसरे दिन अपहरणकर्ताओं ने 10 जनवरी को बद्रीलाल के व्हाट्सएप नंबर से कॉल कर परिजनों से 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी। कॉल में धमकी दी गई कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो बद्रीलाल के साथ अनहोनी हो सकती है। फोन कॉल्स के जरिए अपहरणकर्ता लगातार दबाव बना रहे थे।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा, वृताधिकारी छगन पुरोहित और थानाधिकारी भरत योगी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने घटना स्थल और आस-पास के इलाकों के 250 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की जांच की। इस दौरान एक संदिग्ध स्कॉर्पियो कार का पता चला, जिसे उदयपुर-चित्तौड़गढ़ हाईवे पर ट्रेस किया गया।
पुलिस टीम ने हाईवे पर वाहन का पीछा करते हुए करीब 100 किलोमीटर तक ऑपरेशन चलाया। पीछा करने के दौरान, आरोपी पुलिस से बचने के लिए बद्रीलाल सालवी को हाईवे पर छोड़कर फरार होने की कोशिश करने लगे। हालांकि, पुलिस ने दोनों आरोपियों को पकड़ लिया और अपहृत शिक्षक को सुरक्षित बचा लिया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में लाला गाडरी, निवासी भावली, नयाघर, फतेहनगर और सुरेश गायरी, निवासी वकारी मगरी, डबोक शामिल हैं। पुलिस जांच में पता चला कि सुरेश का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है और उसके खिलाफ उदयपुर जिले के विभिन्न थानों में मारपीट और लूट के सात मामले दर्ज हैं। वह कुख्यात देवा गैंग का सक्रिय सदस्य है।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में अन्य अभियुक्तों की जानकारी भी सामने आई है और गैंग के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी है।